डेढ़ महीने से जोगिंदर नगर नहीं पहुंची रेलगाड़ी, फिर रद्द हुई आवाजाही

रेलवे स्टेशन जोगिंदर नगर में आगामी आदेशों तक रेलगाड़ियों की आवाजाही फिर से रद्द कर दी है। रेलवे विभाग ने पठानकोट जोगिंदर नगर रेलवे लाइन में बैजनाथ के गणेश बाजार में गेट नंबर 323 पर ओवरब्रिज के निर्माण के चलते जोगिंदर नगर रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाली गाड़ियों को रद्द कर दिया है।

7 जुलाई से पहले रेलगाड़ियों की आवाजाही का दावा किया जा रहा था। बरसात के तीखे रुख के कारण निर्माण में देरी के कारण रेलवे स्टेशन में रेलगाड़ियों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। अब दोबारा आगामी आदेशों तक आवाजाही बंद करने के निर्देश हुए हैं।

रेलवे विभाग के कई मजदूर ओवरब्रिज के निर्माण के लिए पसीना बहा रहे हैं लेकिन जुलाई महीने में भी ओवरब्रिज के निर्माण कार्य के पूरा ना होने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में रेल यात्रियों को जुलाई में भी रेल गाड़ी की सुविधा से महरूम होना पड़ेगा।

इससे जोगिंदर नगर से बैजनाथ-पपरोला तक सफर करने वाले यात्रियों की दिक्कतें बढ़ गई है। रेलगाड़ियां स्टेशन न पहुंचने से निगम और निजी बसों में भी भीड़ के चलते यात्रियों को सफर के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है।जोगिंदर नगर के व्यापार पर भी इसका बुरा असर पड़ता हुआ दिख रहा है।

रेलवे स्टेशन जोगिंदर नगर स्टेशन अधीक्षक रविंद्र रावत ने बताया कि रेलवे स्टेशन में रेलगाड़ियों की आवाजाही आगामी आदेश तक फिर रद्द कर दी है। बैजनाथ में रेलवे के ओवर ब्रिज के निर्माण कार्य के चलते रेलगाड़ियों को नहीं भेजा जा रहा है। निर्माण कार्य पूरा होते ही रेलगाड़ियां जोगिंदर नगर स्टेशन में पहुंचना शुरू होंगी।

जोगिंदर नगर हेरिटेज रेलवे स्टेशन पर 45 दिन बाद भी रेलगाड़ियों की आवाजाही शुरू नहीं हुई है। इससे पधर और लडभड़ोल के करीब 20,000 पूर्व सैनिकों को घर पहुंचना मुश्किल हो चुका है। पठानकोट से बैजनाथ तक रेलगाड़ी का सफर करने के बाद रोजाना काफी संख्या में पूर्व सैनिकों को अपने सामान के साथ बसों में दिक्कतें खेलते हुए लडभड़ोल और जोगिंदर नगर का रुख करना पड़ रहा है।

2 करोड से अधिक का खर्चा स्टेशन के जीर्णोद्धार पर हाल ही में किया गया है। यात्रियों की सुविधाओं के लिए वर्षा आश्रालय, विश्रामगृह, शौचालय के अलावा वाईफाई की सुविधाएं भी स्टेशन में उपलब्ध करवाई गई है। अब बिना रेलगाड़ी के ये तमाम सुविधाएं सफेद हाथी बनी है। करीब डेढ़ महीने से स्टेशन बिना रेलगाड़ियों से सुनसान है। रोजाना यात्री रेलगाड़ी की राह देखकर मायूस लौट रहे हैं।

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