रैलियों में HRTC बसें.. नेता खुश, जनता परेशान.. लोकल रूटों पर बसें गायब

एक कहावत है, आपने भी सुनी होगी। “चार दिन की चांदनी, फिर अंधेरी रात।” जोगिंदर नगर के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों को ये चांदनी एक दिन भी ढंग से नसीब नहीं हो पाई। सीएम की रैली वाले दिन जोगिंदर नगर के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें एचआरटीसी बसों की चकाचौंध से चमक उठी। जिन इलाकों में कभी एक बस भी समय पर नहीं पहुंचती, वहाँ तीन-चार बसें लोगों के इंतज़ार में खड़ी थी। लेकिन सीएम की रैली खत्म, तो ये चकाचौंध वाली चांदनी भी खत्म। और शुरू हो गई अंधेरी रात।

सोमवार को जोगिंदर नगर में सीएम जयराम ठाकुर की रैली थी। ऐसे में लोकल रूटों पर चलने वाली एचआरटीसी बसें बंद थी। बसें चल रही थी तो केवल लोगों को रैली में ले जाने के लिए। आम जनता को परेशानी हुई। स्कूल-कॉलेज के बच्चे भी परेशान हुए। लोगों को उम्मीद थी अगले दिन सब सामान्य हो जाएगा। मगर हुआ नहीं। मंगलवार को फिर एचआरटीसी बसें सड़कों से गायब रहीं और जनता परेशान। शायद ही जोगिंदर नगर का कोई लोकल रुट हो जहाँ मंगलवार को एचआरटीसी की बस चली हो।

अब सवाल ये है कि क्या पब्लिक ट्रांसपोर्ट पब्लिक को ही परेशान करने के लिए है? क्या एचआरटीसी बसों का काम सिर्फ नेताओं की रैलियों में ही भीड़ जुटाने का रह गया है? क्या प्रदेश के मुखिया को आम जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं?

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